बुधवार, नवम्बर 29, 2023
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गणेश चतुर्थी 2023: आज गणेश चतुर्थी है, जाने मूर्ति स्थापना का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

गणेश चतुर्थी 2023: विघ्नहर्ता और मंगलकर्ता कहे जाने वाले भगवान श्री गणेश की जयंती आज 19 सितंबर को देशभर में मनाई जा रही है। हिंदू धर्म में इसे विनायक चतुर्थी, कलंक चतुर्थी और डण्डा चतुर्थी आदि नामों से भी जाना जाता है। भगवान गणेश को प्रथम पूज्य माना जाता है इसलिए किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले उनकी पूजा की जाती है।

गणेश चतुर्थी 2023: यह त्योहार भाद्रपद शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान गणेश प्रकट हुए थे। यह भी माना जाता है कि इस दिन भगवान गणेश धरती पर आते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। भगवान गणेश की पूजा का दौर 10 दिनों तक चलता है, जिसे गणेश मोहोत्सव कहा जाता है। इसमें गणेश महोत्सव अनंत चतुर्दशी यानी गणेश जी के पृथ्वी पर रहने तक चलता है। इस बार गणेश चतुर्थी का त्योहार आज यानी 19 सितंबर से शुरू हो रहा है और 28 सितंबर तक चलेगा। यह त्यौहार महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में मनाया जाता है।

गणेश चतुर्थी 2023 शुभ मुहूर्त

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, गणेश चतुर्थी भाद्रपद माह के शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है। इस साल गणेश चतुर्थी आज यानी 19 सितंबर को मनाई जा रही है और गणेश विसर्जन दस दिन बाद यानी 28 सितंबर, गुरुवार को किया जाएगा। चतुर्थी तिथि 18 सितंबर यानी कल दोपहर 12:39 बजे शुरू हुई और 19 सितंबर यानी आज दोपहर 1:43 बजे समाप्त होगी।

गणेश पूजा विशेष समय (गणेश पूजा क्षण)

मध्याह्न गणेश पूजा मुहूर्त – सुबह 11:01 बजे से दोपहर 01:28 बजे तक, अवधि – 2 घंटे 27 मिनट।

ऐसे में इस शुभ मुहूर्त में घर पर गणपति बप्पा की मूर्ति स्थापित कर सकते हैं।

गणेश चतुर्थी का महत्व

हिंदू धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूजनीय देवता माना जाता है। किसी भी शुभ या मांगलिक अवसर पर सबसे पहले गणेशजी की पूजा और आराधना की जाती है। भगवान गणेश को बुद्धि, सुख, समृद्धि और बुद्धि का दाता माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को स्वाति नक्षत्र और सिंह राशि में हुआ था। ऐसे में अगर आप गणेश चतुर्थी के दिन घर में गणेश जी की मूर्ति स्थापित करने जा रहे हैं तो यह दोपहर के शुभ मुहूर्त में ही करना चाहिए। गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक यानी लगातार 10 दिनों तक भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा की जाती है। भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में सभी प्रकार की बाधाएं दूर हो जाती हैं और लोगों को सुख-समृद्धि मिलती है।

गणेश चतुर्थी पर ऐसे करें पूजा (गणेश चतुर्थी पूजा विधि)

-सुबह सबसे पहले उठकर स्नान आदि कर लें।

  • इसके बाद तांबे या मिट्टी की गणेश जी की मूर्ति लें।
    फिर एक लोटे में पानी भरकर उसके मुंह पर नया कपड़ा बांध दें। इसके बाद उस पर भगवान गणेश को स्थापित करें।
  • भगवान गणेश को सिन्दूर, दुर्बा, घी चढ़ाएं और 21 मोदक चढ़ाकर उनकी विधिवत पूजा करें।
  • अंत में गरीबों और ब्राह्मणों में लड्डू का प्रसाद बांट दें।
  • इस दस दिवसीय गणेश चतुर्थी उत्सव के दौरान आप एक, तीन, पांच, सात और नौ दिनों के लिए गणेश मूर्तियों को घर पर रख सकते हैं।

गणेश चतुर्थी पर चन्द्र दर्शन क्यों वर्जित है?

मान्यता है कि गणेश चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन नहीं करना चाहिए, अन्यथा व्यक्ति पर झूठा आरोप लगता है यानी बिना वजह ही व्यक्ति पर झूठा आरोप लगता है। पुराणों के अनुसार, एक बार भगवान कृष्ण ने गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा को देख लिया था, जिसके कारण उन्हें भी झूठ का शिकार होना पड़ा था। गणेश चतुर्थी पर चंद्रमा के दर्शन से जुड़ी एक और पौराणिक मान्यता है, जिसके अनुसार इस दिन ही भगवान गणेश ने चंद्रमा को श्राप दिया था। इस वजह से चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन वर्जित माना गया।

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